Rajdut News
Vijay, February 27, 2024
वाराणसी जिला कोर्ट ने 31 जनवरी को ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में पूजा की अनुमति दी थी। इस फैसले को मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। इस बारे में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की तरफ से दायर याचिका को खारिज करते हुए व्यास तहखाने में पूजा जारी रखने का आदेश सुनाया। इसे हिंदू पक्ष के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। इतना ही नहीं, हाईकोर्ट ने 1993 में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में पूजा पर रोक लगाने के फैसले को अवैध बताया।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि साल 1993 से व्यास परिवार को धार्मिक पूजा और अनुष्ठान से रोकने का राज्य सरकार का कदम गलत था। तहखाने में श्रद्धालुओं की तरफ से हो रही पूजा को रोकना उनके हितों के खिलाफ होगा। मुस्लिम पक्ष ने अब ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
व्यास परिवार लंबे वक्त से व्यास तहखाने में पूजा कर रहा था, लेकिन 1993 में मुलायम सिंह यादव की सरकार ने पूजा पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद 15 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को कोर्ट ने कहा, व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना जारी रहेगी। ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने वाराणसी जिला जज के दो फैसलों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन दोनों अपील को कोर्ट ने खारिज कर दिया।